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लेखक की तस्वीरTanweer adil

रोहतांग दर्रा (Eng: Rohtang Pass), मनाली: कैसे पहुंचें? टिप्स और घूमने का सबसे अच्छा समय।


रोहतांग को पार करने की कोशिश में कई लोग मारे गए हैं, इसलिए इसका नाम 'लाशों का मैदान' पड़ा।

गोलार्ध की पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला रोहतांग दर्रे को घेरती है। रोहतांग दर्रा कुल्लू घाटी, जिसमें मुख्य रूप से हिंदू संस्कृति है, और शुष्क, उच्च ऊंचाई वाली लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच एक प्राकृतिक विभाजन है, जिसमें मुख्य रूप से बौद्ध संस्कृतियां हैं।

हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रा 13,054 फीट ऊंचा है और लाहौल और स्पीति घाटियों के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। सड़क कुल्लू घाटी को लाहौल और स्पीति से जोड़ती है, लेह तक पहुंच प्रदान करती है। यह मनाली से 57 किमी दूर है। रोहतांग दर्रा लाहौल और स्पीति को पांगी और लेह घाटी से भी जोड़ता है। रोहतांग जोजिला दर्रे की तरह लद्दाख के प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करता है।

रोहतांग दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण भारत के लिए सामरिक महत्व रखता है। चंद्र दर्रे से ग्लेशियरों, चोटियों, चंद्रा नदी और लाहौल घाटी के दृश्य उपलब्ध हैं। रोहतांग से गेपन की जुड़वां चोटियों के नज़ारे दिखाई देते हैं। दर्रा चिनाब और ब्यास नदियों के बीच वाटरशेड पर स्थित है।

रोहतांग जून से अक्टूबर तक खुला रहता है। इसके बावजूद, वाहन यातायात शुरू होने से पहले ही ट्रेकर्स पास लेकर जाने की तैयारी कर लेते हैं। मनाली, कुल्लू, लेह और रोहतांग दर्रे के आस-पास के इलाकों में आने वाले पर्यटक अक्सर इसे अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करते हैं। सड़क पर भीड़भाड़ बनी रहती है और ट्रैफिक जाम की समस्या बानी रहती है। पर्यटक दर्शनीय स्थलों की यात्रा के अलावा स्लेज राइड और स्कीइंग का भी आनंद ले सकते हैं। आगंतुक स्लेज और स्की सेट किराए पर ले सकते हैं।


रोहतांग दर्रे में कहाँ ठहरें

रोहतांग दर्रे में कोई होटल या रिसोर्ट नहीं है, जब तक आप अपना तम्बू नहीं लाते और सड़क के किनारे शिविर स्थापित नहीं करते, तब तक रोहतांग दर्रा कोई आवास प्रदान नहीं करता है। निकटतम बड़ा शहर मनाली, लक्ज़री रिसॉर्ट्स, रिवरसाइड कॉटेज, डीलक्स होटल, साथ ही 3-सितारा बजट संपत्तियों सहित आवास विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। मनाली होमस्टे भी प्रदान करता है जो स्थानीय लोगों की प्रकृति और संस्कृति का आनंद लेने के लिए एक अच्छा विकल्प है।


रोहतांग दर्रे में खाने के लिए सर्वोत्तम स्थान

रोहतांग दर्रे के रास्ते में कोई भोजन स्टाल या भोजनालय नहीं हैं, लेकिन छोटे-छोटे ढाबे जरूर मिल जाएगे। और मनाली से ज्यादा महगे दरों पर, रोहतांग दर्रा पार करते समय आपको अपना खाना खुद ले जाना होगा।


रोहतांग दर्रे पर जाने का सबसे अच्छा समय

रोहतांग दर्रे जाने का सबसे अच्छा समयअप्रैल से अक्टूबर है। रोहतांग दर्रे की यात्रा से पहले लोकल ऑथिरिटी से पास लेना होता है, या आपने किसी कैब वाले को बुक किया है तो उसको ये सारी जानकारी होती है। मनाली से ज्यादा से ज्यादा सुबह में निकले नहीं तो आप ट्रैफिक (जो वहाँ आम तौर पे मिलती है), में बेवजह फस सकते हैं।


बच्चो के लिए कितना सुरक्षित है ? रोहतांग का सफर।

जो लोग अपने बच्चों के साथ मनाली या रोहतांग पास जाने की सोच रहे है, उनको थोड़ा सावधान रहना होगा।

1. अगर उनका बच्चा 7 साल से नीचे का हो तो ज्यादा संभावना मोशन सिकनेस का होता है, जिसमे बच्चे आम तौर पर उल्टिया करते है। वैसे ये मोशन सिकनेस एडल्ट में भी होता है, लेकिन बच्चे इस्सके झेल नहीं पाते और अपने बच्चे की हालत देख कर माँ बाप की ख़ुशी गायब हो जाती है।

2. क्या करे? हर माँ बाप को पता होता है की उनका बच्चा मोशन सिकनेस को झेल सकता है की नहीं ?

फिर भी मनाली या रोहतांग पास जाने का मैं बन ही गया है तो नाईट बस या कार को चुने ताकि आपका बच्चा सोते-सोते ही मनाली पहुंच जाए।

3. अपने साथ मोशन सिकनेस (उलटी) की दवा और बच्चे की लिए नीद की दवा रखे।

4. मनाली पहुंच जाने की बाद, सब कुछ ठीक रहा तो रोहतांग पास बिलकुल ना जाए अगर आप का बच्चा ५ साल से छोटा होतो, वहाँ ऊचाई और ठण्ड होने की कारण बच्चे निढाल हो सकते हैं, और आपका घूमना ना घूमना सब बराबर हो सकता है। जब ऐसे स्थिति आ जाए या आपने और किसी पर्यटक की लिए देखा, तो उनकी मदद कीजिये, आस पास चाय की दूकान से तुरंत गुनगुना दूध बच्चे को पिलाए, उसको गरम रखे पर तुरंत निचे यानी मनाली किसी हॉस्पिटल में जाए।

5. अगर कोई चारा ना देखे तो लोकल लोग (हिमाचली) से राय जरूर ले, वे वहाँ रहते है ऐसे में क्या करना चाहिए उनको सब मालूम है ।


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