परिचय: अगर आप उदयपुर वन्य जीव अभ्यारण्य घुमने जाते है और आपको हफ़ हूफ्फ की आवाज़ सुनाई पड़े तो ये भौंकने वाले हिरण या रिब-फेस हिरण (भारतीय मंटजैक) है, ये वाल्मीकि नगर टाइगर रिज़र्व के आम हिरण हैं जो बाघों के प्रमुख आहार में से एक हैं । ये कभी कभी सरिया मन में भी देखे दे जाते हैं।
सरिया मन में दो - तीन हिरण हैं जो कभी वाल्मीकि नगर टाइगर रिज़र्व से बचा कर लाए गए थे, उनको एक बाड़े में रखा गया है जिसको आप देख सकते हैं।
विशिष्टता: भारतीय मंटजैक का शरीर लाल भूरे रंग का होता है इनकी खाल पर बहुत नरम, मोटा, घना बालो का आवरण होता है ठंडे क्षेत्रों में अधिक घना हो जाता है। इसका चेहरा गहरे रंग का होता है गहरे भूरे से पीले और भूरे रंग में भिन्न होता है। नर मंटजैक में छोटे सींग होते हैं, जो लगभग 10 सेमी लंबे होते हैं, जो आंखों के ऊपर लंबे शरीर के बालों से ढके पेडीकल्स से निकलते हैं। मादाओं में एंटलर के बजाय फर और छोटे बोनी घुंडी के गुच्छे होते हैं।
वयस्क मंटजेक की शरीर की लंबाई 4 फ़ीट तक का हो सकता है, और ऊंचाई 2 फ़ीट तक हो सकती है।
भारतीय मंटजैक को हॉक हॉक जैसी आवाज के कारण "भौंकने वाला हिरण" भी कहा जाता है, जो खतरे के समय ज्यादा बोला जाता है ।
आवास और व्यवहार: भारतीय मंटजैक दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया के मूल निवासी छोटे हिरण हैं। ये एशिया के मूल निवासी हैं, उनके आवास में घने वनस्पति वाले क्षेत्र, वर्षावन, मानसूनी वन शामिल हैं और वे जल स्रोत के करीब रहना पसंद करते हैं। ये हिमालय के तराई क्षेत्र (नेपाल और भूटान के तराई क्षेत्रों) में भी पाए जाते हैं।
भारतीय मंटजैक एक अकेला रहने वाला हिरण है, जो प्रजनन के मौसम में ही मादाओं के लिए संघर्ष करने के लिए झुण्ड में इक्कठा होते हैं। ये अपनी सीमा और छेत्र निर्धारण के लिए पेड़ो की छालों में अपने नथुने रगड़ कर अपनी गंध छोड़ते हैं। नर अक्सर मादाओं के हरम पर कब्जा करने के लिए आपस में लड़ते हैं।
भारतीय मंटजैक पर जब शिकारी हमला करते हैं तो ये भौकने की आवाज़ निकालते हैं, ताकि शिकारी पशु ये समझे की उसके आस पास जंगली कुत्तो का झुण्ड है । ये तरकीब हमेशा काम आती है ये जरूरी नहीं है पर अक्सर कामयाब हो जाती है।
भारतीय मंटजेक एक से अधिक मादाओं के साथ संभोग करते हैं। मादाएं अपने जीवन के पहले से दूसरे वर्ष के दौरान यौन रूप से परिपक्व होती हैं। गर्भधारण की अवधि 6-7 महीने की होती है और वे आमतौर पर एक समय में एक संतान को घने झाड़ियों में जन्म देती हैं, लेकिन कभी-कभी जुड़वाँ बच्चे पैदा करती हैं। । युवा अपना क्षेत्र स्थापित करने के लिए लगभग 6 महीने के बाद अपनी मां को छोड़ देता है।
आहार: भारतीय मंटजैक को सर्वाहारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उन्हें घास, जड़ी-बूटियाँ, कांटेदार झाड़ियों, कोमल अंकुर, पत्ते, छाल, टहनियाँ, फल, बीज, और यदा-कदा पक्षी के अंडे और छोटे स्तनधारी जानवरों को भी आहार में लिए जाते हुए देखा गया है। भारतीय मंटजैक आमतौर पर जंगल के किनारे या कुछ खुली जगहों में भोजन करते पाए जाते हैं।
Kingdom (जगत): Animalia
Phylum (संघ): Chordata
Class (वर्ग): Mammalia
Order (गण): Artiodactyla
Family (कुल): Cervidae
Genus (वंश): Cervinae
Species (जाति): Muntiacus
Scientific name (वैज्ञानिक नाम): M. Muntjak
IUCN: LC
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