परिचय: रोलर (Neel kanth) चार भारतीय राज्यों (आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, उड़ीसा) का राज्य पक्षी है, अक्सर सड़क के किनारे पेड़ों और तारों पर बैठे हुए मिल जाते हैं। यह खुले घास के मैदानों, आद्रभूमि और जंगलों में आम तौर पर देखने को मिल जाती है, और मानव के साथ रहने के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित है। प्रजनन काल के दौरान नर के एरोबेटिक प्रदर्शन देखते ही बनता है।
भगवान शिव को नीलकंठ कह कर भी पुकारा जाता है। नीलकंठ पक्षी (Neel kanth Bird In Hindi) पक्षी के गर्दन पर बनीं नीली धारियां जो नीले कंठ की तरह दिखती प्रतीत होती है, के कारण इनको भी नीलकंठ कहा जाता है। उत्तर भारतीय परम्परा के अनुसार दशहरा और दुर्गा पूजा में इस पक्षी का दिखना शुभ संकेत माना जाता है।
विशिष्टता: भारतीय नील कंठ का सर बड़ा और गर्दन छोटी होती है,यह चौड़े पंखों वाला पक्षी है, यह मैना के आकर का लगभग होता है। आंखों के आस-पास की त्वचा मध्यम नारंगी होती है, और पैर पीले-भूरे रंग के होते हैं। बिल/चोंच के निचले सतह भूरे रंग की होती है। सर के ऊपरी भाग और पंखो के छोर हलके फ़िरोज़ा, पूंछ बैंगनी एवं नीले मिश्रित रंग के होते है, पेट हल्का नीला और गर्दन हल्का लाल रंग का होता है, जिनमे नीली धारियां भी निकली होती हैं शरीर के आवरण हल्के लाल-भूरे रंग के होते हैं। यह पंछी देखने में काफी आकर्षित लगते है दूर से देखने के कारण इनकी गर्दन नीली दिखती है, इसलिए इनको नीलकंठ कह कर पुकारा जाता है।
इसके शरीर की लंबाई 30-34 सेमी (१ फ़ीट) के करीब होती है, जिसके पंखों का फैलाव २- ढाई फ़ीट होती है और इसका वजन 175-200 ग्राम तक होता सकता है।
आवास: नीलकंठ पक्षी (Neelkanth Bird) प्रजनन का मौसम मार्च से जून होता है।नीलकंठ पक्षी आमतौर पर जंगलों के समीप घास के मैदानो, आद्रभूमि के नजदीक अपना घोसला मुख्य्तः पेड़ो पर बनाते हैं। इनके घोसलो में खर पतवार पक्षियों के रोये, या सुखी घास प्रयोग में लाए जाते हैं।वयस्क नर और मादा जोड़ी बंधन बनाते हैं और एक साथ युवा को पालते हैं। मादा एक गुहा या दरार में 3-5 अंडे देती है। मादा अंडो को २०-२२ दिनों तक सेती हैं, चूजे निकलने के बाद इनको 30-35 दिनों तक देखभाल की जाती है।
आहार: नीलकंठ पक्षी (Neelkanth Bird) किसानो के मित्र समझे जाते है इनका मुख्या आहार भृंग (बीटल्स), परों वाले दीमक, टिड्डे मुख्य हैं, ये इनको हवा में उड़ते हुए भी पकड़ने में माहिर होती हैं।भारतीय रोलर उभयचर, छोटे पक्षियों और छोटे स्तनधारियों को पकड़ने के लिए जमीन पर उतरता है।
Kingdom (जगत): Animalia
Phylum (संघ): Chordata
Class (वर्ग): Aves
Order (गण): Coraciiformes
Family (कुल): Coraciidae
Genus (वंश): Coracias
Species (जाति): C. benghalensis
Scientific name: Coracias benghalensis
Very interesting and informative.