परिचय: बिजली के तारो पर झुण्ड में बैठे काले पंछी ब्लैक ड्रोंगो (अंग्रेज़ी: Black Drongo) या कोतवाल चिड़िया के अनेको नाम और कारनामे हैं, कुछ नाम जो प्रचलित हैं, जैसे भीमराज अथवा भृंगराज, पोलिसवाला, राजा कौआ।
ये प्रजाति अपने से बड़े आकर के पछियों से भिड़ने में भी संकोच नहीं करती है, आम तौर पर कौवे से भी। इसी कारण इसे राजा कौआ भी कहा जाता है। बहुत सारी छोटी पंछियाँ सुरक्षा की दृस्टि से इन कोतवाल पंछियों के घोसलों के पास आस पास ही अपना घोसला बनाती हैं ।
जंगल में अपने प्राकृतिक आवास में, वे आम तौर पर खुले में बैठते हैं और ध्यान आकर्षित करने के लिए कई ऊंची आवाजें करते हैं, जिसमें कई पक्षियों की नकल करना शामिल है। कहा जाता है कि इस प्रकार की मिमिक्री कई प्रजातियों के पक्षी समूहों को चारा खोजने के लिए एक साथ लाती है।
कोतवाल चिड़िया के अनेको नाम और कारनामे हैं, कुछ नाम जो प्रचलित हैं, जैसे भीमराज अथवा भृंगराज, पोलिसवाला, राजा कौआ।
विशिष्टता: यह पक्षी चमकदार काले रंग का होता है जिसकी पूंछ अंतिम छोरो पर दो विपरीत दिशा में बट जाती है जो इसकी पहचान में से एक है, ये आकर में छोटी होने के बावजूद अपनी उड़ान में माहिर होती हैं और उड़ते हुए भी ये किट पतंगों को पकड़ सकने में माहिर होती हैं।
आकार: यह एक छोटी कद की पंछियां होती हैं और लगभग 22-28 cm 08-11 इंच लम्बी होती हैं।
आवास: अफगानिस्तान से बांग्लादेश तक और भारत और श्रीलंका में रहने वाले हैं। काला ड्रोंगो, खेतों और शहरी आवासों में पाया जाता है।* भारत के लगभग सभी राज्यों में ये देखने को मिल जाते हैं ।
आहार: मुख्य आहार के रूप में मधुमक्खियां, चींटियां, टिड्डे, ततैया, दीमक, पतंगे, भृंग और ड्रैगन-फ्लाई जैसे कीड़ों को खाते हैं।
Kingdom (जगत): Animalia
Phylum (संघ): Chordata
Class (वर्ग): Aves
Order (गण): Passeriformes
Family (कुल): Dicruridae
Genus (वंश): Dicrurus
Species (जाति): Macrocercus
Scientific name (वैज्ञानिक नाम): Dicrurus macrocercus
IUCN द्वारा संरक्षण की स्थिति:
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