परिचय: टिटहरी ऐसा पंछी जो मौसम की भविष्यवाणी भी करती है। काम बारिश के दिनों में गांव के लोग इस पक्षी के रहन सहन को गौर से देखते हैं, अगर यह पक्षी अंडे ऊंचे स्थान पर देती यही तो अधिक बारिश का अनुमान लगाया जाता है। अंडे नीचे होने पर कम बारिश का अनुमान होता है। पर ये बात कितनी सच है इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता, यह सिर्फ पंचतंत्र की कहानियां प्रतीत होती हैं।
जैसे १. टिटहरी पैर ऊपर कर सोती है। यह सोच कर कि आसमान गिरेगा तो पैरों पर थाम लेगी।
२. टिटहरी जिन दिन वृक्ष पर रहने लगे तो समझो कि धरती पर भूकंप आने वाला है क्योंकि टिटहरी कभी भी वृक्ष पर अपना घर नहीं बनाती है। वह भूमि पर ही अंडे देना पसंद करती है, और अधिकतर भूमि पर ही रहना पसंद करती है।
विशिष्टता: टिटिहरी आम तौर पर मध्यम आकर के होते हैं, लगभग ३५-38 सेंटीमीटर (15 इंच)। प्रत्येक आंख के सामने एक लाल मांसल उभार होता है, काले रंग के साथ लाल चोंच मिश्रित होता है। पंख और पीठ हल्के भूरे रंग के होते हैं, जिसमें बैंगनी और हरे रंग सी चमक होती है, लेकिन सिर, गर्दन के आगे और पीछे का भाग काला होता है। एक सफेद पैच इन दो रंगों के बीच, पेट और पूंछ से, गर्दन तक किनारों तक दिखता है। काले रंग की छोटी पुंछ और पीले लंबे पैर होते हैं । नर और मादा लगभग एक समान होते हैं लेकिन पुरुषों के पंख ज्यादा लंबे होते हैं।
प्रजनन: प्रजनन का मौसम मुख्य रूप से मार्च से अगस्त है। प्रेमालाप के बाद मादा ३-५ अंडो को देती है जिसको जमीन के गड्ढो में गुप्त रूप से रखा जाता है, इनके अंडे छलावरण सतह के अनुकूल होता है फिर भी नेवले, कौए इनपे हमला कर देते है पर इस स्थिति में नर और मादा दोनों इनपर आक्रामकता दिखाते हुए अंडो को बचने की कोशिश करते हैं । अत्यधिक गर्मी के मौसम में ये अपने पेट को पानी में भिगो कर अंडो पर बैठ जाते है ताकि समुचित तापमान बना रहे। २६-३० दिनों में बच्चे अंडे को फोड़ कर बाहर आ जाते हैं।
आवास: यह पश्चिम एशिया से दक्षिण एशिया अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान, कन्याकुमारी, श्रीलंका तक पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और कश्मीर और नेपाल में 1700 मीटर तक की ऊंचाइयों तक के आवासीय पंछी हैं, और अपने अन्य उप-प्रजातियों के साथ प्रजनन करता है। यह आद्रभूमि को पसंद करते हैं, किसी भी आर्द्रभूमि निवास स्थान पर इसको देखा जा सकता है।
आहार: टिटिहरियों के आहार में कई प्रकार के कीड़े, घोंघे और अन्य किट शामिल होते हैं, जिन्हें ज्यादातर जमीन से नरम मिट्टी खोद कर उठाया जाता है। वे कुछ अनाज भी खा लेते हैं। वे मुख्य रूप से दिन व रात दोनों में भी भोजन कर सकते हैं।
Kingdom (जगत): Animalia
Phylum (संघ): chordata
Class (वर्ग): Aves
Order (गण): Charadriformes
Family (कुल): Charadriidae
Genus (वंश): Vanellus
Species (जाति): V. Indicus
Scientific name: Vanellus indicus
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