महारानी जानकी कुँवर हस्पताल लगभग 110 वर्षों से आपकी सेवा में लगा हुआ, और कभी आपको निराश और हताश कर देने वाले सेवाओं से ले कर आज का अत्याधुनिक मशीनो, अपनी ऊँची-ऊँची इमारतों से सुसज्जित भवनों से लैस, मेडिकल की कई सेवाएं आपके लिए उपलब्ध करता हुआ अपने नए रूप में खड़ा है, और हमें उस पर गर्व करने का मौका देता है।
जो आज है वो कल होगा, और किसी न किसी ने उसकी शुरुआत की ही होगी, और हम उसको आपके सामने रखने जा रहे हैं, हर बड़ी चीज़ की नीव एक छोटी ईंट ही होता है वैसे ही आज जो हमारा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है, वो पहले किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल था, जिसकी नीव बेतिया शहर क़े शिल्पकार श्री जे आर लुईस ने रखी थी।
वर्ष 1935-38 में पुरे चम्पारण जिले में मोतिहारी और बेतिया मिलकर चार बड़े अस्पताल थें, यानी "मोतिहारी सदर" और "मोतिहारी पुलिस अस्पताल" और बेतिया के.ई.एम.(किंग एडवर्ड मेमोरियल) और "बेतिया राज डफरिन अस्पताल" और पूरे जिले में विभिन्न थानों में इक्कीस औषधालय (Dispensaries) थें।
A. किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल:
किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल बेतिया (King Edward Memorial Hospital Bettiah)। पूर्व बेतिया एस्टेट के प्रबंधक, श्री जे आर लुईस ने 1911 में दिवंगत राजा एडवर्ड सप्तम (अल्बर्ट एडवर्ड; जन्म 9 नवंबर 1841, मृत्यु 6 मई 1910, ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के यूनाइटेड किंगडम और ब्रिटिश डोमिनियन के राजा और 22 जनवरी 1901 से 10 मई 1910 तक भारत के सम्राट थे।) की स्मृति में एक जीर्ण-शीर्ण नगरपालिका अस्पताल के स्थान पर एक अप-टू-डेट अस्पताल का निर्माण करने का सुझाव दिया।
अस्पताल भवन की नींव 31 अगस्त, 1912 को रखी गई थी,और अस्पताल को 16 मार्च, 1916 को बिहार और उड़ीसा के तत्कालीन राज्यपाल सर चार्ल्स स्टुअर्ट बेली (Sir Charles Stuart Bailey) द्वारा लोकार्पित गया था।
अस्पताल में तब भर्ती रोगियों के लिए 58 बेड, एक बाहरी औषधालय और स्टाफ क्वार्टर शामिल थे।
1934 के भूकंप में अस्पताल के भवन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे और 25 फरवरी 1937 तक अस्पताल अस्थायी रूप से बने भवनों में चला रहा था, फिर इसे अपने वर्तमान भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया, जिनका निर्माण लगभग रु. 55 लाख में हुआ। जहां तक अस्पताल के वित्तीय पहलू का संबंध है, बेतिया किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल ट्रस्ट फंड 1 अगस्त, 1916 को बनाया गया था, और सरकारी वचन पत्रों में 6,49,000 का निवेश किया गया था। समय-समय पर, पूर्व बेतिया राज के प्रबंधक ने और निवेश किये और अब 1957 में निवेश की गई कुल राशि रु.11,11,700 रुपये तक हो गई थी।
इस वर्ष (1951) तक अस्पताल में मेडिकल वार्ड (Medical ward), सर्जिकल वार्ड (Surgical ward), सेप्टिक वार्ड (Septic ward), आइसोलेशन (Isolation) और संक्रमण वार्ड (Infection ward), ट्यूबरकुलोसी वार्ड (TB ward), पेइंग वार्ड( Paying ward) थें, और इसमें 120 बेड, पुरुषों के लिए 114 और महिलाओं के लिए 6 थें।
2 फरवरी1951 को अस्पताल को प्रांतीय (राज्य सरकार) के अधीन लाया गया। 1951 और तब से सरकार के पास इसके प्रबंधन और वित्त की जिम्मेदारी है। वर्ष 1958 में बाहरी रोगी और भर्ती रोगियों की दैनिक औसत संख्या क्रमशः 1323 और 1733 थी।
क्या आप जानते हैं? 1901 में बेतिया क़े लगभग पहले सिविल सर्जन मेजर बी. एच. डियर ( Major B. H. Deare) थें?
B. महारानी जानकी कुंवर अस्पताल:
महारानी जानकी कुंवर अस्पताल को मूल रूप से "बेतिया राज लेडी डफरिन अस्पताल" नाम दिया गया था, और महारानी विक्टोरिया के शासनकाल के दौरान पूर्व बेतिया एस्टेट के महाराजा द्वारा स्थापित किया गया था। पूर्व बेतिया राज के अंतरगत पर इसका प्रबंधन और रख-रखाव किया जाता था। 1949 में अस्पताल का नाम बदलकर "महारानी जानकी कुंवर अस्पताल"( MJK Hospital) कर दिया गया।
ट्रस्ट के एक विलेख के माध्यम से, पूर्व बेतिया राज अधिकारियों ने 9,50,000 का निवेश किया और प्रबंधन की एक समिति का गठन किया जिसमें विशिष्ट मजिस्ट्रेट, प्रबंधक, पूर्व बेतिया राज, सिविल सर्जन, चंपारण, अस्पताल की महिला चिकित्सा अधीक्षक और शामिल थे। सरकार द्वारा नामित एक महिला सदस्य। तब से अस्पताल को निवेश पर अर्जित ब्याज, पूर्व बेतिया राज और सरकार के योगदान से वित्तपोषित किया जाता था।
1 जनवरी, 1949 से अस्पताल को बिहार सरकार के अधीन कर दिया गया,और अब यह सरकार के नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन है।
31 मार्च, 1956 तक अस्पताल में स्वीकृत बिस्तरों की संख्या 120 थी, हालांकि रोगियों की दैनिक औसत उपस्थिति हमेशा 160 से अधिक थी और बाहर के रोगियों की दैनिक औसत उपस्थिति भी लगभग इतनी ही थी। स्वाभाविक रूप से, सरकार ने 1 अप्रैल, 1956 से अस्पताल के बिस्तर को बढ़ाकर 167 कर दिया और बिस्तर की बढ़ी हुई संख्या के लिए आवश्यक कर्मचारियों को भी मंजूरी दे दी गई।
Reference:
"Quoted in Prof. I. Q. Sinha's Economic Annals of Bengal, MacMillan and Co .• Ltd" 1927.
"Bihar District Gazetteers: Champaran (1938)"
"Bihar District Gazetteers: Muaffarpur (1960)
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